चंद्र अभियान में `गुप्त हथियारों` का इस्तेमाल
बीजिंग: वर्ष के आखिर में लांच किए जाने वाले चीन के चंद्र अभियान `चेंज-3` में अनेक `गुप्त हथियारों` का इस्तेमाल किया जाएगा। अभियान से जुड़े एक प्रमुख वैज्ञानिक ने यह जानकारी दी। चीन के समाचार पत्र `ग्लोबल टाइम्स` में प्रकाशित रपट के अनुसार, चंद्रमा पर पहली बार कोई चीनी यान उतरेगा।
चीन के चंद्र अभियान से जुड़े वरिष्ठ सलाहकार ओयांग शियूआन ने बताया कि चंद्र अभियान पर जाने वाले चीनी यान `चेंज-3` में कई कैमरे लगे होंगे, लेकिन उनके अतिरिक्त यान में एक विशेष पराबैंगनी खगोलीय दूरबीन भी होगा जो चंद्रमा से दिखाई पड़ने वाले सितारों, आकाशगंगाओं एवं ब्रह्मांड के चित्र भेजेगा।
उन्होंने बताया कि चंद्रमा से ब्रह्मांड की तस्वीरें बहुत साफ और स्पष्ट दिखाई देंगी तथा संभव है कुछ नया खोजने में कामयाबी मिले, क्योंकि चंद्रमा के वायुमंडल में वायु, आयन एवं चुंबकत्व जैसा कोई बाधक नहीं है।
उन्होंने आगे बताया कि इस चंद्र अभियान पर पहली बार एक अति पराबैंगनी कैमरे का भी उपयोग किया जाएगा। इस कैमरे का उपयोग चंद्रमा की सतह से पृथ्वी के प्लाज्मास्फेयर एवं पर्यावरणीय परिवर्तन के निरीक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा यान के पेंदे में एक रडार लगा होगा जो चंद्रमा की सतह से 100 से 200 मीटर नीचे तक की जांच करेगा। चंद्रमा पर यान भेजने का चीन का यह दूसरा अभियान है।
चीन के चंद्र अभियान से जुड़े वरिष्ठ सलाहकार ओयांग शियूआन ने बताया कि चंद्र अभियान पर जाने वाले चीनी यान `चेंज-3` में कई कैमरे लगे होंगे, लेकिन उनके अतिरिक्त यान में एक विशेष पराबैंगनी खगोलीय दूरबीन भी होगा जो चंद्रमा से दिखाई पड़ने वाले सितारों, आकाशगंगाओं एवं ब्रह्मांड के चित्र भेजेगा।
उन्होंने बताया कि चंद्रमा से ब्रह्मांड की तस्वीरें बहुत साफ और स्पष्ट दिखाई देंगी तथा संभव है कुछ नया खोजने में कामयाबी मिले, क्योंकि चंद्रमा के वायुमंडल में वायु, आयन एवं चुंबकत्व जैसा कोई बाधक नहीं है।
उन्होंने आगे बताया कि इस चंद्र अभियान पर पहली बार एक अति पराबैंगनी कैमरे का भी उपयोग किया जाएगा। इस कैमरे का उपयोग चंद्रमा की सतह से पृथ्वी के प्लाज्मास्फेयर एवं पर्यावरणीय परिवर्तन के निरीक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा यान के पेंदे में एक रडार लगा होगा जो चंद्रमा की सतह से 100 से 200 मीटर नीचे तक की जांच करेगा। चंद्रमा पर यान भेजने का चीन का यह दूसरा अभियान है।
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