नई दिल्ली. तीन बच्चों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है। पिटीशन में उन्होंने कहा है कि आने वाले दिनों में दिवाली, दशहरा जैसे त्योहारों में पटाखे (फायरक्रैकर्स) से उन्हें दिक्कत होगी। इसलिए पटाखे पर रोक लगाई जाए। पिटीशन में कहा गया है, ''हमारे लंग्स अभी पूरी तरह डेवलप्ड नहीं है। हम पटाखे के कारण होने वाले पॉल्यूशन को सह पाने की स्थिति में नहीं हैं।''
किसने दायर की पिटीशन?
अपने तरह की अनोखी इस पिटीशन को अर्जुन गोयल और आरव भंडारी (6 महीना) और 14 महीने की जोया राव भसीन की ओर से दायर की गई है। उनके वकील पिता ने ऑर्टिकल 21 के तहत सांस लेने के लिए साफ-सुथरे नेचर को अपना अधिकार बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने फंडामेंटल राइट्स के लिए बच्चों को आवाज उठाने का हक दे रखा है। बच्चे अपने माता-पिता या गार्जियन के पिटीशन दायर कर सकते हैं जिन्हें 'नेक्सट फ्रेंड्स' कहा जाता है। उन्होंने सरकार से गाड़ियों के लिए भारत-वी इमिशन नॉर्म्स लागू करने की मांग की है।
पिटीशन में क्या कहा गया?
* पिटीशनर्स ने सुप्रीम कोर्ट से केवल दिवाली और दशहरे ही नहीं बल्कि सभी प्रकार के फेस्टिव सीजन में पटाखों पर रोक की मांग की है। उन्होंने पटाखे के अलावा पॉल्यूशन फैलाने वाली गाड़ियों और ओपन वेस्ट डिस्पोजल से फैलने वाले पॉल्यूशन पर भी चिंता जताई है।
* उनका कहना है, ''पिछले दो साल से दिल्ली दुनिया के सबसे ज्यादा पॉल्यूटेड शहरों में टॉप पर रह रही है। पॉल्यूशन का लेवल सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गया है। पूरे देश भर में एयर-पॉल्यूशन डिजीज के कारण 7 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।''
* कई स्टडीज में इस बात का पता चला है कि इंडियन की लंग कैपेसिटी यूरोपीयन देशों में रहने वालों के मुकाबले 30% कम होती है। इससे सबसे ज्यादा अफेक्टेड बच्चे हैं। क्योंकि जब तक उनका लंग पूरी तरह से डेवलप करता है तब तक कई दिक्कतें हो चुकी रहती है। दिल्ली से सटे इलाकों में हर साल 500 मिलियन टन फसलों का बच्चा हिस्सा चलाया जाता है। शहर में रात में ट्रकों की संख्या बढ़ जाती है जिसके कारण और पॉल्यूशन बढ़ जाता है।
किसने दायर की पिटीशन?
अपने तरह की अनोखी इस पिटीशन को अर्जुन गोयल और आरव भंडारी (6 महीना) और 14 महीने की जोया राव भसीन की ओर से दायर की गई है। उनके वकील पिता ने ऑर्टिकल 21 के तहत सांस लेने के लिए साफ-सुथरे नेचर को अपना अधिकार बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने फंडामेंटल राइट्स के लिए बच्चों को आवाज उठाने का हक दे रखा है। बच्चे अपने माता-पिता या गार्जियन के पिटीशन दायर कर सकते हैं जिन्हें 'नेक्सट फ्रेंड्स' कहा जाता है। उन्होंने सरकार से गाड़ियों के लिए भारत-वी इमिशन नॉर्म्स लागू करने की मांग की है।
पिटीशन में क्या कहा गया?
* पिटीशनर्स ने सुप्रीम कोर्ट से केवल दिवाली और दशहरे ही नहीं बल्कि सभी प्रकार के फेस्टिव सीजन में पटाखों पर रोक की मांग की है। उन्होंने पटाखे के अलावा पॉल्यूशन फैलाने वाली गाड़ियों और ओपन वेस्ट डिस्पोजल से फैलने वाले पॉल्यूशन पर भी चिंता जताई है।
* उनका कहना है, ''पिछले दो साल से दिल्ली दुनिया के सबसे ज्यादा पॉल्यूटेड शहरों में टॉप पर रह रही है। पॉल्यूशन का लेवल सबसे ऊंचे लेवल पर पहुंच गया है। पूरे देश भर में एयर-पॉल्यूशन डिजीज के कारण 7 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।''
* कई स्टडीज में इस बात का पता चला है कि इंडियन की लंग कैपेसिटी यूरोपीयन देशों में रहने वालों के मुकाबले 30% कम होती है। इससे सबसे ज्यादा अफेक्टेड बच्चे हैं। क्योंकि जब तक उनका लंग पूरी तरह से डेवलप करता है तब तक कई दिक्कतें हो चुकी रहती है। दिल्ली से सटे इलाकों में हर साल 500 मिलियन टन फसलों का बच्चा हिस्सा चलाया जाता है। शहर में रात में ट्रकों की संख्या बढ़ जाती है जिसके कारण और पॉल्यूशन बढ़ जाता है।
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