Wednesday 30 September 2015

लिस्ट का दावा-करोड़ों को खत्म करने के लिए न्यूक्लियर हमले की फिराक में ISIS


मोसुल (इराक):  आईएसआईएस के साथ 10 दिन बिताकर लौटे जर्मन जर्नलिस्ट जर्गन टोडेनहॉफर ने दावा किया है कि आतंकी धरती से करोड़ों लोगों का एक साथ नामोनिशान मिटाने के लिए न्यूक्लियर हमले की तैयारी कर रहे हैं। 75 साल के जर्नलिस्ट ने आतंकियों के साथ बिताए वक्त के बारे में अपनी नई किताब में जानकारी दी है। उन्होंने पूरे विश्वास से कहा है कि आतंकी पश्चिमी देशों के हर शख्स को खत्म कर देना चाहते हैं और पूरी दुनिया पर इस्लामिक शासन कायम करना चाहते हैं।

जर्गन को आईएसआईएस ने अपने ठिकानों पर वक्त बिताने की मंजूरी इसलिए दी, क्योंकि वे काफी वक्त से अमेरिका की मिडल ईस्ट पॉलिसी की आलोचना करते रहे हैं। उनकी किताब का नाम है 'Inside IS - Ten Days In The Islamic State.' जर्नलिस्ट के मुताबिक, आतंकी खास तौर पर पश्चिमी देशों के खिलाफ 'न्यूक्लियर सूनामी' लाना चाहते हैं। इसके अलावा, हर वो मुल्क आईएसआईएस के निशाने पर है, जो इस्लामिक स्टेट का विरोध कर रहा है।

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क्या बताया जर्नलिस्ट ने

>जर्नलिस्ट ने किताब में लिखा है कि वे कई महीने तक आतंकी संगठन से स्काइप पर संपर्क पर रहे, जिसके बाद उन्हें आईएसआईएस के इलाके में जाने की मंजूरी मिली।

>आईएसआईएस के प्रभाव वाले क्षेत्र में पहुंचने के बाद उनके और उनके बेटे के मोबाइल फोन जमा करा लिए गए। जर्नलिस्ट ने एक अखबार से बातचीत में बताया, ''वहां लोग बैरकों, गुफाओं और बम से तबाह घरों में रहते हैं। मैं फर्श पर सोता था। मैं खुशकिस्मत था कि मेरे सोने के लिए प्लास्टिक की चटाई दी गई थी। मेरे पास मेरा सूटकेस, बैकपैक और स्लीपिंग बैग था।''

>जर्नलिस्ट के मुताबिक, आईएसआईएस सिर कलम करने वाले वीडियो जारी करके आबादी वाले इलाकों में अपना डर फैलाना चाहता है। इस डर की वजह से उन्हें आसपास के इलाकों पर कब्जा करने में आसानी हो जाती है।

>जर्नलिस्ट ने कहा कि उन्होंने आज तक जिन आतंकी संगठनों को जाना है, उनमें आईएसआईएस सबसे बुरा है। उन्हें रोकने की क्षमता हर किसी में नहीं। सिर्फ अरब के लोग ही उन्हें रोक सकते हैं। इस संगठन के खतरों को पश्चिमी मुल्क अंडरएस्टिमेट कर रहे हैं।

>आतंकियों को इस बात का भरोसा है कि वे यह जंग जीतकर रहेंगे। वे 50 करोड़ लोगों का खात्मा करके रहेंगे। आतंकी यह सब कुछ धार्मिक साफ-सफाई के नाम पर अंजाम देना चाहते हैं।

>आईएसआईएस के फाइटर्स पश्चिमी मुल्कों की कल्पना के उलट बहुत ज्यादा खतरनाक और स्मार्ट हैं। जीत को लेकर आतंकियों को इतना कॉन्फिडेंट दुनिया के किसी वॉर जोन में नहीं देखा।

>आतंकी इस्लाम में भरोसा नहीं करने वाले हर किसी को खत्म कर देना चाहते हैं। वह सभी महिलाओं और बच्चों को गुलाम बना लेना चाहते हैं। सभी शियाओं, यजीदी, हिंदुओं और नास्तिकों को खत्म कर देना चाहते हैं।

>आईएसआईएस का यह भी मानना है कि डेमोक्रेसी की हिमायत करने वाले मुस्लिमों को भी मार डालना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऐसे मुसलमान खुदा के नियमों के आगे इंसान के नियमों को तरजीह दे रहे हैं। 

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