अहमदाबाद
भारत में शिक्षा नीति में बदलाव को लेकर गुजरात का एक स्कूल सर्वे करवा रहा है। अहमदाबाद स्थित स्कूल 'पुनरुत्थान विद्यापीठ' ने स्कूलों में प्रचलित शिक्षा के भारतीयकरण और पढ़ाई के माध्यम, जंक फूड के शिक्षा पर प्रभाव पर देश-भर में एक सर्वे करवा रहा है। स्कूल ने सर्वे में 10 प्रश्न शामिल किए हैं। स्कूल के अध्यापकों और अभिभावकों के लिए ये प्रश्नावली तैयार की गई है।
सर्वे में स्कूल के टीचरों से पूछा जा रहा हैं- क्या भारत में शिक्षा प्रणाली राष्ट्रीयकृत होनी चाहिए या पाश्चात्य प्रणाली पर आधारित या वैश्विक प्रणाली पर? आज की भारतीय शिक्षा प्रणाली राष्ट्रीयकृत नहीं है, शिक्षा के राष्ट्रीयकरण के लिए क्या किया जाना चाहिए?
वहीं अभिभावकों के लिए सर्वे में पूछे जाने वाले प्रश्न हैं- आप अपने बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाना चाहते हैं या अंग्रेजी माध्यम में? मैगी और बर्गर समेत जंक फूड को आप अपने बच्चे की शिक्षा प्रणाली के लिए अच्छा मानते हैं या खराब?
टेलिग्राफ के मुताबिक, देश भर के स्कूलों में यह सर्वे कराया जा रहा है और इस सर्वे से मिले फीडबैक का उपयोग राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नई शिक्षा प्रणाली बनाने में करेगा। पिछले साल नवंबर में पुनरुत्थान विद्यापीठ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति और संरचना पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी। इसमें भारतीय इतिहास में मुस्लिम शासनकाल की भूमिका कम करने और गुप्त काल की महत्ता बढ़ाने और शिक्षा में अंग्रेजी का कम से कम उपयोग करने समेत शिक्षा का राष्ट्रीयकरण करने वाले तमाम तत्वों पर चर्चा की गई थी।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए थे। पुनरुत्थान विद्यापीठ स्कूल की प्रमुख इंदुमती कटडरे ने पिछले साल प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में टेलिग्राफ से बातचीत में कहा था कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी शिक्षा के भारतीयकरण की राह में रोड़ा नहीं अटकाने वाली है। बीजेपी और हमारे संगठन का वैचारिक स्तर मिलता-जुलता है। अन्य सरकारों ने हमारी राह में बाधाएं डाली लेकिन यह सरकार ऐसा नहीं करने वाली है।
देवी प्रसाद चतुर्वेदी, 'सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाध्यापक (मथुरा, उत्तर प्रदेश) ने ऐसे ही प्रश्नों वाले 100 फॉर्म प्राप्त करने की पुष्टि भी की। उन्होंने कहा, 'जिले के सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और अध्यापकों के साथ एक बैठक की योजना बना रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि देश की शिक्षा प्रणाली का भारतीयकरण किया जाए।'
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