रूस का सीरिया पर हवाई हमला, US से एक घंटे पहले इलाका खाली करने को कहा था
मॉस्को. रूस ने बुधवार को सीरियाई शहर होम्स पर हवाई हमला कर दिया। यह साफ नहीं है कि यह हमला सीधे आईएसआईएस पर है या फिर सीरियाई प्रेसिडेंट बशर अल असद के खिलाफ बगावत कर रहे संगठनों पर। दिलचस्प बात यह है कि इस हमले से पहले रूस ने वॉशिंगटन में मौजूद अपने एक डिप्लोमैट के जरिए अमेरिकी मिलिट्री ऑपरेशंस के हेड के पास मैसेज भिजवाया। सीएनएन की खबर के मुताबिक, रशियन डिप्लौमेट ने अमेरिका से कहा कि एक घंटे के अंदर यूएस एयरफोर्स वेस्ट सीरियाई इलाकों को खाली कर दे, क्योंकि वहां रशियन एयरफोर्स एंट्री करने वाली है।
पार्लियामेंट से मंजूरी मिलने के बाद पुतिन ने कराया हमला
इस हमले से पहले बुधवार सुबह ही रूस की पार्लियामेंट में प्रपोजल पास हुआ था जिसके बाद प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन को सीरिया में एयरफोर्स भेजकर हमले करने का अधिकार मिल गया था।
क्या हुआ है सीरिया में?
सीरिया में बीते करीब चार साल से सिविल वॉर जारी हैं। वहां फ्री सीरियन आर्मी जैसे कई ग्रुप असद सेना के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। इस्लामिक स्टेट ने भी सीरियाई के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में असद के लिए अपनी सत्ता को बचा पाना काफी मुश्किल हो रहा है।
सीरिया के मुद्दे पर रूस और अमेरिका कैसे हो गए आमने-सामने?
- अमेरिका सीरियाई प्रेसिडेंट असद को हटाना चाहता है। रूस असद का खुलकर सपोर्ट करता है।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी अफसरों ने दावा किया है कि रूस ने सीरिया के उन इलाकों पर हवाई हमला किया, जहां आईएसआईएस एक्टिव नहीं है।
- ये वे इलाके हैं जहां सीरियाई प्रेसिडेंट असद के खिलाफ काम कर रहे कई विद्रोही संगठन एक्टिव हैं।
- यानी रूस का हमला आईएस के खिलाफ नहीं है, लेकिन असद के सपोर्ट में जरूर है।
- अमेरिका असद को प्रेसिडेंट की पोस्ट से हटाना चाहता है। असद की आर्मी इस्लामिक स्टेट और पश्चिमी देशों के सपोर्ट वाले विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रही है।
- पुतिन को रूस की संसद से मंजूरी मिलने के बाद यह साफ है कि रूस सीरिया में असद की आर्मी की मदद के लिए ऑपरेशन कर चलाएगा।
क्या अमेरिका-रूस के बीच चल रहा है प्रॉक्सी वॉर?
सीएनएन, रॉयटर्स और गार्डियन की रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीरिया का सिविल वॉर अब इंटरनेशनल पॉलिटिक्स का हिस्सा है। दरअसल, दुनिया की दो सुपरपावर अमेरिका और रूस सीरिया के बहाने प्रॉक्सी वॉर खेल रही हैं। अमेरिका और वेस्ट के कई देश सीरिया के प्रेसिडेंट बशर अल-असद के विरोधी हैं। वे उन्हें सत्ता से बेदखल कर सरकार में अपने मोहरे बैठाना चाहते हैं। अमेरिका पर आरोप है कि वह असद के खिलाफ लड़ने वाले विद्रोहियों को हथियार, पैसा और ट्रेनिंग में मदद करता है। ऐसे में रूस अगर असद की मदद करता है तो अमेरिका के साथ उसके रिश्ते और भी खराब हो सकते हैं।
...लेकिन सीरिया में आर्मी नहीं भेजेगा रूस
रूसी प्रेसिडेंट के ऑफिशियल हाउस क्रेमलिन एडमिनिस्ट्रेशन के चीफ सर्जेई लेवनोव ने बताया कि पार्लियामेंट द्वारा सीरिया में आर्मी भेजने का अधिकार देने का ज्यादा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। हम सीरिया में अपनी आर्मी भेजकर जंग में फंसना नहीं चाहते। हम सिर्फ एयरफोर्स का इस्तेमाल करेंगे।
सीरिया में पहले से इंगेज है रूस: मीडिया रिपोर्ट
मिडल ईस्ट (खाड़ी के देश) की कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि रूसी एयरफोर्स के जेट्स पहले से सीरिया में हवाई हमले कर रहे हैं। लेकिन क्रेमलिन ने इस बात की पुष्टि करने से मना कर दिया है। आखिरी बार रूसी संसद ने पुतिन को यूक्रेन के मामले में आर्मी भेजने का अधिकार दिया था। रूस ने क्रीमिया को अपने कब्जे में करने के लिए अभियान चलाया था।
मॉस्को. रूस ने बुधवार को सीरियाई शहर होम्स पर हवाई हमला कर दिया। यह साफ नहीं है कि यह हमला सीधे आईएसआईएस पर है या फिर सीरियाई प्रेसिडेंट बशर अल असद के खिलाफ बगावत कर रहे संगठनों पर। दिलचस्प बात यह है कि इस हमले से पहले रूस ने वॉशिंगटन में मौजूद अपने एक डिप्लोमैट के जरिए अमेरिकी मिलिट्री ऑपरेशंस के हेड के पास मैसेज भिजवाया। सीएनएन की खबर के मुताबिक, रशियन डिप्लौमेट ने अमेरिका से कहा कि एक घंटे के अंदर यूएस एयरफोर्स वेस्ट सीरियाई इलाकों को खाली कर दे, क्योंकि वहां रशियन एयरफोर्स एंट्री करने वाली है।
पार्लियामेंट से मंजूरी मिलने के बाद पुतिन ने कराया हमला
इस हमले से पहले बुधवार सुबह ही रूस की पार्लियामेंट में प्रपोजल पास हुआ था जिसके बाद प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन को सीरिया में एयरफोर्स भेजकर हमले करने का अधिकार मिल गया था।
क्या हुआ है सीरिया में?
सीरिया में बीते करीब चार साल से सिविल वॉर जारी हैं। वहां फ्री सीरियन आर्मी जैसे कई ग्रुप असद सेना के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। इस्लामिक स्टेट ने भी सीरियाई के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में असद के लिए अपनी सत्ता को बचा पाना काफी मुश्किल हो रहा है।
सीरिया के मुद्दे पर रूस और अमेरिका कैसे हो गए आमने-सामने?
- अमेरिका सीरियाई प्रेसिडेंट असद को हटाना चाहता है। रूस असद का खुलकर सपोर्ट करता है।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी अफसरों ने दावा किया है कि रूस ने सीरिया के उन इलाकों पर हवाई हमला किया, जहां आईएसआईएस एक्टिव नहीं है।
- ये वे इलाके हैं जहां सीरियाई प्रेसिडेंट असद के खिलाफ काम कर रहे कई विद्रोही संगठन एक्टिव हैं।
- यानी रूस का हमला आईएस के खिलाफ नहीं है, लेकिन असद के सपोर्ट में जरूर है।
- अमेरिका असद को प्रेसिडेंट की पोस्ट से हटाना चाहता है। असद की आर्मी इस्लामिक स्टेट और पश्चिमी देशों के सपोर्ट वाले विद्रोहियों के खिलाफ लड़ रही है।
- पुतिन को रूस की संसद से मंजूरी मिलने के बाद यह साफ है कि रूस सीरिया में असद की आर्मी की मदद के लिए ऑपरेशन कर चलाएगा।
क्या अमेरिका-रूस के बीच चल रहा है प्रॉक्सी वॉर?
सीएनएन, रॉयटर्स और गार्डियन की रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीरिया का सिविल वॉर अब इंटरनेशनल पॉलिटिक्स का हिस्सा है। दरअसल, दुनिया की दो सुपरपावर अमेरिका और रूस सीरिया के बहाने प्रॉक्सी वॉर खेल रही हैं। अमेरिका और वेस्ट के कई देश सीरिया के प्रेसिडेंट बशर अल-असद के विरोधी हैं। वे उन्हें सत्ता से बेदखल कर सरकार में अपने मोहरे बैठाना चाहते हैं। अमेरिका पर आरोप है कि वह असद के खिलाफ लड़ने वाले विद्रोहियों को हथियार, पैसा और ट्रेनिंग में मदद करता है। ऐसे में रूस अगर असद की मदद करता है तो अमेरिका के साथ उसके रिश्ते और भी खराब हो सकते हैं।
...लेकिन सीरिया में आर्मी नहीं भेजेगा रूस
रूसी प्रेसिडेंट के ऑफिशियल हाउस क्रेमलिन एडमिनिस्ट्रेशन के चीफ सर्जेई लेवनोव ने बताया कि पार्लियामेंट द्वारा सीरिया में आर्मी भेजने का अधिकार देने का ज्यादा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। हम सीरिया में अपनी आर्मी भेजकर जंग में फंसना नहीं चाहते। हम सिर्फ एयरफोर्स का इस्तेमाल करेंगे।
सीरिया में पहले से इंगेज है रूस: मीडिया रिपोर्ट
मिडल ईस्ट (खाड़ी के देश) की कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि रूसी एयरफोर्स के जेट्स पहले से सीरिया में हवाई हमले कर रहे हैं। लेकिन क्रेमलिन ने इस बात की पुष्टि करने से मना कर दिया है। आखिरी बार रूसी संसद ने पुतिन को यूक्रेन के मामले में आर्मी भेजने का अधिकार दिया था। रूस ने क्रीमिया को अपने कब्जे में करने के लिए अभियान चलाया था।
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